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Tuesday, October 15, 2024

अरुण योगीराज (Arun Yogiraj Murtikar): अयोध्या के रामलला की मूर्ति के निर्माता

अरुण योगीराज (arun yogiraj) एक प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं, जिनकी बनाई गई रामलला की मूर्ति 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या के राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। यह मूर्ति अपने सौंदर्य और भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए प्रशंसित है।

अरुण योगीराज (arun yogiraj) का जन्म 1987 में कर्नाटक के मैसूर में हुआ था। उनके पिता भी एक प्रसिद्ध मूर्तिकार थे, और अरुण ने बचपन से ही मूर्तिकला में रुचि दिखाई। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से MBA की डिग्री प्राप्त की, लेकिन बाद में मूर्तिकार बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी।

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अरुण योगीराज ने अब तक कई मूर्तियों का निर्माण किया है, जिनमें सुभाष चंद्र बोस, आदि शंकराचार्य, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, और भगवान शिव, श्रीकृष्ण, और हनुमान की मूर्तियां शामिल हैं। उनकी मूर्तियों को उनकी सुंदरता, भावपूर्ण अभिव्यक्ति, और यथार्थवाद के लिए जाना जाता है।

अरुण योगीराज की मूर्तियों को भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रदर्शित किया गया है। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें केंद्र सरकार का यंग टैलेंट अवार्ड, मैसूर डिस्ट्रिक्ट ऑथोरिटी और कर्नाटक सरकार का राज्य उत्सव अवार्ड, शिल्पकार संघ का शिल्प कौस्तुभ अवार्ड, और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कोफी अन्ना की प्रशंसा शामिल है।

अरुण योगीराज एक प्रतिभाशाली मूर्तिकार हैं, जिनकी रचनाएं भारत की सांस्कृतिक विरासत को संजोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनकी बनाई गई रामलला की मूर्ति अयोध्या के राम मंदिर को और भी अधिक भव्य और दिव्य बना देगी।

अरुण योगीराज की मूर्तिकला की कुछ विशेषताएं

  • सुंदरता: अरुण योगीराज की मूर्तियां अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने मूर्तियों को बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया है, और उनकी मूर्तियों में अत्यंत बारीक विवरण हैं।
  • भावपूर्ण अभिव्यक्ति: अरुण योगीराज की मूर्तियां भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने मूर्तियों को बनाने के लिए अपने कौशल और कल्पना का उपयोग किया है, और उनकी मूर्तियों में व्यक्त किए गए भाव बहुत ही वास्तविक और सजीव लगते हैं।
  • यथार्थवाद: अरुण योगीराज की मूर्तियां यथार्थवाद के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने मूर्तियों को बनाने के लिए अपने ज्ञान और अनुभव का उपयोग किया है, और उनकी मूर्तियां बहुत ही वास्तविक लगती हैं।

अरुण योगीराज की मूर्तिकला की उपलब्धियां

अरुण योगीराज की मूर्तिकला की उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

  • उनकी मूर्तियों को भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रदर्शित किया गया है।
  • उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें केंद्र सरकार का यंग टैलेंट अवार्ड, मैसूर डिस्ट्रिक्ट ऑथोरिटी और कर्नाटक सरकार का राज्य उत्सव अवार्ड, शिल्पकार संघ का शिल्प कौस्तुभ अवार्ड, और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कोफी अन्ना की प्रशंसा शामिल है।
  • उनकी मूर्तियां भारत की सांस्कृतिक विरासत को संजोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

निष्कर्ष

अरुण योगीराज एक प्रतिभाशाली मूर्तिकार हैं, जिनकी रचनाएं भारत की सांस्कृतिक विरासत को संजोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनकी बनाई गई रामलला की मूर्ति अयोध्या के राम मंदिर को और भी अधिक भव्य और दिव्य बना देगी।

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