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Thursday, July 4, 2024

कोर्ट मैरिज और रजिस्टर्ड मैरिज में क्या अंतर है? (Difference Between Court Marriage and Registered Court Marriage)

आमिर खान की बेटी आयरा खान ने फिटनेस ट्रेनर नुपुर शिखरे के साथ रजिस्टर्ड मैरिज की। इस खबर के बाद से कोर्ट मैरिज और रजिस्टर्ड मैरिज के बीच के अंतर (Difference Between Court Marriage and Registered Court Marriage) को लेकर लोगों में चर्चा बढ़ गई है।

कोर्ट मैरिज और रजिस्टर्ड मैरिज में क्या अंतर है? (Difference Between Court Marriage and Registered Court Marriage)

भारत में कोर्ट मैरिज और रजिस्टर्ड मैरिज दोनों ही तरह की शादियां होती हैं। लेकिन इन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।

कोर्ट मैरिज (Court Marriage):

कोर्ट मैरिज एक तरह की सिविल मैरिज होती है। इसमें किसी भी धर्म या जाति के लोग एक दूसरे से शादी कर सकते हैं। कोर्ट मैरिज के लिए दूल्हा-दुल्हन की उम्र 21 साल या इससे अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा दोनों में से किसी की भी पहले शादी नहीं होनी चाहिए।

difference between court marriage and register marriage
Court Marriage

कोर्ट मैरिज करने के लिए दूल्हा-दुल्हन को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होते हैं:

  • आवेदन पत्र
  • कोर्ट मैरिज फीस
  • दूल्हा-दुल्हन के पासपोर्ट साइज फोटो
  • पहचान प्रमाण पत्र
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • दसवीं/बारहवीं की मार्कशीट
  • शपथ पत्र

कोर्ट मैरिज के बाद दूल्हा-दुल्हन को एक शादी का सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह सर्टिफिकेट कानूनी रूप से मान्य होता है।

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रजिस्टर्ड मैरिज (Marriage Difference):

रजिस्टर्ड मैरिज एक तरह की पारंपरिक शादी होती है। इसमें दूल्हा-दुल्हन की शादी किसी मंदिर, गुरुद्वारे, मस्जिद या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर होती है।

difference between court marriage and register marriage
Registered Marriage

रजिस्टर्ड मैरिज करने के लिए दूल्हा-दुल्हन को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होते हैं:

  • आवेदन पत्र
  • रजिस्टर्ड मैरिज फीस
  • दूल्हा-दुल्हन के पासपोर्ट साइज फोटो
  • पहचान प्रमाण पत्र
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • दसवीं/बारहवीं की मार्कशीट
  • शादी का सर्टिफिकेट

रजिस्टर्ड मैरिज के बाद दूल्हा-दुल्हन को एक शादी का सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह सर्टिफिकेट भी कानूनी रूप से मान्य होता है।

Difference Between Court Marriage and Registered Court Marriage:

कोर्ट मैरिज और रजिस्टर्ड मैरिज में निम्नलिखित अंतर हैं:

विशेषता कोर्ट मैरिज रजिस्टर्ड मैरिज
धर्म किसी भी धर्म के लोग कर सकते हैं किसी भी धर्म के लोग कर सकते हैं
जाति किसी भी जाति के लोग कर सकते हैं किसी भी जाति के लोग कर सकते हैं
उम्र दूल्हा-दुल्हन की उम्र 21 साल या इससे अधिक होनी चाहिए दूल्हा-दुल्हन की उम्र 21 साल या इससे अधिक होनी चाहिए
पहले शादी पहले शादी नहीं होनी चाहिए पहले शादी नहीं होनी चाहिए
दस्तावेज आवेदन पत्र, कोर्ट मैरिज फीस, दूल्हा-दुल्हन के पासपोर्ट साइज फोटो, पहचान प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, दसवीं/बारहवीं की मार्कशीट, शपथ पत्र आवेदन पत्र, रजिस्टर्ड मैरिज फीस, दूल्हा-दुल्हन के पासपोर्ट साइज फोटो, पहचान प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, दसवीं/बारहवीं की मार्कशीट, शादी का सर्टिफिकेट
प्रक्रिया दूल्हा-दुल्हन और गवाहों को रजिस्ट्रार के सामने एक घोषणा पत्र पर साइन करने होते हैं। इसके बाद 30 दिन का नोटिस पीरियड होता है। अगर किसी को आपत्ति नहीं है तो शादी का रजिस्ट्रेशन हो जाता है। दूल्हा-दुल्हन की शादी किसी मंदिर, गुरुद्वारे, मस्जिद या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर होती है। इसके बाद शादी का रजिस्ट्रेशन होता है।

 

Customer FAQs

प्र. 1: कोर्ट मैरिज और रजिस्टर्ड मैरिज में सबसे बड़ा अंतर क्या है?

जवाब: सबसे बड़ा अंतर शादी की प्रक्रिया में है। कोर्ट मैरिज एक सिविल प्रक्रिया है जो रजिस्ट्रार ऑफिस में होती है। जबकि रजिस्टर्ड मैरिज में पहले पारंपरिक शादी होती है (मंदिर, गुरुद्वारा आदि), बाद में रजिस्ट्रेशन कराया जाता है।

प्र. 2: मैं और मेरा पार्टनर अलग-अलग धर्म के हैं। क्या हम कोर्ट मैरिज कर सकते हैं?

जवाब: हां, बिल्कुल! कोर्ट मैरिज भारत में धर्म या जाति पर आधारित कोई भेदभाव नहीं करती। किसी भी धर्म या जाति का जोड़ा कोर्ट मैरिज कर सकता है।

प्र. 3: कोर्ट मैरिज के लिए क्या उम्र सीमा है?

जवाब: दूल्हा और दुल्हन दोनों की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए।

प्र. 4: कोर्ट मैरिज करने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है?

जवाब: दोनों पक्षों के पासपोर्ट साइज फोटो, पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस), जन्म प्रमाण पत्र, दसवीं/बारहवीं की मार्कशीट, शपथ पत्र (कोई पूर्व विवाह नहीं), गवाहों के फोटो और पैन कार्ड। राज्य के हिसाब से फीस भी है।

प्र. 5: क्या कोर्ट मैरिज सस्ती होती है?

जवाब: रजिस्टर्ड मैरिज के मुकाबले कोर्ट मैरिज आम तौर पर सस्ती होती है। फीस राज्य के हिसाब से बदल सकती है।

प्र. 6: क्या माता-पिता की सहमति कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी है?

जवाब: नहीं, अगर आप दोनों बालिग हैं तो माता-पिता की सहमति जरूरी नहीं है।

प्र. 7: क्या हम ऑनलाइन कोर्ट मैरिज कर सकते हैं?

जवाब: नहीं, भारत में फिलहाल कोर्ट मैरिज के लिए दूल्हा-दुल्हन और गवाहों का रजिस्ट्रार ऑफिस में उपस्थित होना अनिवार्य है।

प्र. 8: हमारी रजिस्टर्ड शादी हो चुकी है, क्या हमें इसे कोर्ट में भी रजिस्टर कराना जरूरी है?

जवाब: नहीं, रजिस्टर्ड शादी अपने आप में कानूनी रूप से मान्य है। लेकिन कोर्ट रजिस्ट्रेशन से आपको अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है और भविष्य में विवाद होने पर सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्र. 9: क्या कोर्ट मैरिज करने के बाद कोई सरकारी लाभ मिलता है?

जवाब: हां, अगर दलित समुदाय का कोई व्यक्ति अंतरजातीय कोर्ट मैरिज करता है तो सरकार ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद देती है।

प्र. 10: हम कोर्ट मैरिज के बारे में और जानकारी कहां से पा सकते हैं?

जवाब: आप अपने राज्य के रजिस्ट्रार ऑफिस से या ऑनलाइन विभिन्न सरकारी वेबसाइटों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

कोर्ट मैरिज और रजिस्टर्ड मैरिज दोनों ही तरह की शादियां कानूनी रूप से मान्य हैं। लेकिन इन दोनों में कुछ अंतर हैं। दूल्हा-दुल्हन को अपनी आवश्यकताओं और सुविधाओं के आधार पर इनमें से किसी एक तरह की शादी का विकल्प चुनना चाहिए।

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