चंपत राय (Champat Rai) एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के लिए समर्पित कर दिया। वे एक केमिकल इंजीनियर थे, लेकिन उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर राम मंदिर आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन पर काम किया और कानूनी लड़ाई भी लड़ी।
चंपत राय का जन्म 18 नवंबर 1946 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में हुआ था। उनके पिता रामेश्वर प्रसाद बंसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य थे। चंपत राय भी RSS में शामिल हो गए और उन्होंने संघ के प्रचारक के रूप में काम किया।
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1975 में आपातकाल के दौरान चंपत राय को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 18 महीने तक जेल में रहना पड़ा। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और राम मंदिर आंदोलन में पूरी तरह से जुट गए।
चंपत राय ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन पर काम किया। उन्होंने मंदिर की जमीन से जुड़ी सभी दस्तावेजों को एकत्र किया और उन्हें कानूनी लड़ाई में इस्तेमाल किया। चंपत राय ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कई बार गिरफ्तारी भी झेली।
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6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में राम मंदिर का विवादित ढांचा गिराया गया। इस घटना के बाद चंपत राय को मुकदमे का सामना करना पड़ा। उन्होंने अदालत में कहा कि राम मंदिर का विवादित ढांचा गिराना एक ऐतिहासिक क्षण था।
चंपत राय वर्तमान में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव हैं। वे राम मंदिर के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।
चंपत राय (Champat Rai) के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- चंपत राय को राम मंदिर का “एनसाइक्लोपीडिया (encyclopedia)” कहा जाता है।
- उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कोई सरकारी मदद नहीं ली।
- वे राम मंदिर के निर्माण के लिए अपनी पत्नी और बच्चों को भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
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चंपत राय (Champat Rai) का योगदान
चंपत राय ने राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन पर काम किया, कानूनी लड़ाई लड़ी और राम मंदिर के लिए एक मजबूत जनमत बनाने में मदद की। चंपत राय एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के लिए समर्पित कर दिया। वे एक प्रेरणा हैं और उनका जीवन सभी के लिए एक मिसाल है।
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